Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2023 · 1 min read

#लघु_कविता

#लघु_कविता
■ परवाह बदली…।
【प्रणय प्रभात】
“चाह बदली,
आह बदली।
और फिर,
परवाह बदली।।
– तुमने अपने,
तौर बदले।
हमने अपने,
ठौर बदले।
तुमने अपनी,
राह बदली।
हमने अपनी,
राह बदली।।
– वक़्त जब,
बेवक़्त बीता।
बिन पिए ही,
घट जो रीता।
रिक्तियों की
थाह बदली।
आह में तब
वाह बदली।।

■संपादक/न्यूज़&व्यूज़■
श्योपुर (मध्यप्रदेश)

1 Like · 207 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*जिंदगी*
*जिंदगी*
Harminder Kaur
तुम्हारे लिए : हरवंश हृदय
तुम्हारे लिए : हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
शराफत नहीं अच्छी
शराफत नहीं अच्छी
VINOD CHAUHAN
धर्म निरपेक्षी गिद्ध
धर्म निरपेक्षी गिद्ध
AJAY AMITABH SUMAN
तारे बुझ गये फिर भी
तारे बुझ गये फिर भी
अर्चना मुकेश मेहता
मुझ जैसा रावण बनना भी संभव कहां ?
मुझ जैसा रावण बनना भी संभव कहां ?
Mamta Singh Devaa
नफरत दिलों की मिटाने, आती है यह होली
नफरत दिलों की मिटाने, आती है यह होली
gurudeenverma198
सबके संग रम जाते कृष्ण
सबके संग रम जाते कृष्ण
Pratibha Pandey
"खुश रहने के तरीके"
Dr. Kishan tandon kranti
हर चीज से वीरान मैं अब श्मशान बन गया हूँ,
हर चीज से वीरान मैं अब श्मशान बन गया हूँ,
Aditya Prakash
भोला-भाला गुड्डा
भोला-भाला गुड्डा
Kanchan Khanna
बाल कविता: तोता
बाल कविता: तोता
Rajesh Kumar Arjun
अफ़सोस इतना गहरा नहीं
अफ़सोस इतना गहरा नहीं
हिमांशु Kulshrestha
*साड़ी का पल्लू धरे, चली लजाती सास (कुंडलिया)*
*साड़ी का पल्लू धरे, चली लजाती सास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ज़िन्दगी..!!
ज़िन्दगी..!!
पंकज परिंदा
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तन्हाई बड़ी बातूनी होती है --
तन्हाई बड़ी बातूनी होती है --
Seema Garg
3811.💐 *पूर्णिका* 💐
3811.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
प्लास्टिक की गुड़िया!
प्लास्टिक की गुड़िया!
कविता झा ‘गीत’
ग़ज़ल _ मिले जब भी यारों , तो हँसते रहे हैं,
ग़ज़ल _ मिले जब भी यारों , तो हँसते रहे हैं,
Neelofar Khan
अब इश्क़ की हर रात सुहानी होगी ।
अब इश्क़ की हर रात सुहानी होगी ।
Phool gufran
ना अब मनमानी करता हूं
ना अब मनमानी करता हूं
Keshav kishor Kumar
सारे दुख दर्द होजाते है खाली,
सारे दुख दर्द होजाते है खाली,
Kanchan Alok Malu
कोई भी जीत आपको तभी प्राप्त होती है जब आपके मस्तिष्क शरीर और
कोई भी जीत आपको तभी प्राप्त होती है जब आपके मस्तिष्क शरीर और
Rj Anand Prajapati
हकीकत जानूंगा तो सब पराए हो जाएंगे
हकीकत जानूंगा तो सब पराए हो जाएंगे
Ranjeet kumar patre
कहते- कहते थक गए,
कहते- कहते थक गए,
sushil sarna
हिन्दी दोहा-पत्नी
हिन्दी दोहा-पत्नी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"आंखों के पानी से हार जाता हूँ ll
पूर्वार्थ
नये साल के नये हिसाब
नये साल के नये हिसाब
Preeti Sharma Aseem
उत्तर
उत्तर
Dr.Priya Soni Khare
Loading...