Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Oct 2019 · 2 min read

लघु कथा

लघु कथा
राकेश मल्टी नेशनल कम्पनी में एक्ज्युकेटिव हेड था, बड़ी कम्पनियों में काम का बोझ तो अधिक होता है, घर पर 8 साल के अपने लाडले अंकुर को कम ही समय दे पाता था | वह कई बार चिड़िया घर दिखाने के लिये कह चुका था, इस रविवार को उसने फिर कहा तो राकेश उसका आग्रह न टाल सका, उसने दिव्या (पत्नी) से कहा तो उसने यह कह कर मना कर दिया कि आज मेहरी नहीं आयेगी, घर की साफ सफाई मुझे ही करना पड़ेगी, आप ही अंकुर के साथ चले जाइये बहुत दिनों से कह रहा है, उसकी इच्छा पूरी हो जायेगी |
चिड़िया घर में जानवरों, पक्षियों को दिखाते दिखाते दो घंटे से अधिक हो गये, दोनों थक गये तो एक बेंच पर बैठ गये, सामने एक सेव बेचने वाला निकला तो राकेश ने अंकुर से सेव लाने के लिये कहा, अंकुर ने दो सेव खरीदे और वहीं खड़े खड़े दोनों सेव खाने लगा, राकेश यह देख कर सोचने लगा अरे यह क्या मैं व्यस्त रहता हूँ तो दिव्या को तो उसे शिष्टाचार, बड़ों के प्रति कर्तव्य आदि सिखाना चाहिए थे, वैसे दिव्या का स्वभाव ऐसा नहीं है कि उसने अंकुर को यह सब शिक्षा न दी हो, तो क्या जो घर में काम वाली आती है क्या उसने ऐसा सिखाया, ऐसे ही विचार उसके मस्तिस्क में चल रहे थे कि अंकुर ने आ कर कहा “पापा जी यह सेव आपके लिये है, यह इस दूसरे सेव से अधिक मीठा है” मम्मी कहती हैं कि अपनों से बड़ों को अपनी तुलना में अच्छी चीज भेंट करना चाहिए | राकेश की तन्द्रा टूटी और बोला “बेटा तुम ठीक कहते हो, मैं ही गलत सोच रहा था” ऐसी ही शिक्षा प्रगति का मार्ग खोलती है, बड़ों के प्रति आदर और सम्मान ही उसे आगे बढाता है | मुझे तुम पर गर्व है कि तुमने मम्मी की शिक्षा को आत्मसात किया” अब चलो घर चलें बाकी फिर मम्मी के साथ किसी रविवार को आकर देखेंगे |

Language: Hindi
322 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"" *हाय रे....* *गर्मी* ""
सुनीलानंद महंत
'कोंच नगर' जिला-जालौन,उ प्र, भारतवर्ष की नामोत्पत्ति और प्रसिद्ध घटनाएं।
'कोंच नगर' जिला-जालौन,उ प्र, भारतवर्ष की नामोत्पत्ति और प्रसिद्ध घटनाएं।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
जरूरी नहीं जिसका चेहरा खूबसूरत हो
जरूरी नहीं जिसका चेहरा खूबसूरत हो
Ranjeet kumar patre
कान में रखना
कान में रखना
Kanchan verma
लगे मुझको वो प्यारा जानता है
लगे मुझको वो प्यारा जानता है
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
जहां सत्य है वहां पवित्रता है, प्रेम है, एक आत्मिक शांति और
जहां सत्य है वहां पवित्रता है, प्रेम है, एक आत्मिक शांति और
Ravikesh Jha
अगर सड़क पर कंकड़ ही कंकड़ हों तो उस पर चला जा सकता है, मगर
अगर सड़क पर कंकड़ ही कंकड़ हों तो उस पर चला जा सकता है, मगर
Lokesh Sharma
summer as festival*
summer as festival*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रिश्तों में झुकना हमे मुनासिब लगा
रिश्तों में झुकना हमे मुनासिब लगा
Dimpal Khari
कभी गुज़र न सका जो गुज़र गया मुझमें
कभी गुज़र न सका जो गुज़र गया मुझमें
Shweta Soni
4204💐 *पूर्णिका* 💐
4204💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
माँ दुर्गा की नारी शक्ति
माँ दुर्गा की नारी शक्ति
कवि रमेशराज
मदर्स डे
मदर्स डे
Satish Srijan
"बेटियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
बन गई हो एक नगमा।
बन गई हो एक नगमा।
Kumar Kalhans
लड़कियां गोरी हो, काली हो, चाहे साँवली हो,
लड़कियां गोरी हो, काली हो, चाहे साँवली हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुम      चुप    रहो    तो  मैं  कुछ  बोलूँ
तुम चुप रहो तो मैं कुछ बोलूँ
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
ख़त्म अपना
ख़त्म अपना
Dr fauzia Naseem shad
एक तो धर्म की ओढनी
एक तो धर्म की ओढनी
Mahender Singh
सौगात   ...
सौगात ...
sushil sarna
पृष्ठों पर बांँध से
पृष्ठों पर बांँध से
Neelam Sharma
* श्री ज्ञानदायिनी स्तुति *
* श्री ज्ञानदायिनी स्तुति *
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
नुकसान हो या मुनाफा हो
नुकसान हो या मुनाफा हो
Manoj Mahato
वर्दी (कविता)
वर्दी (कविता)
Indu Singh
ना तो कला को सम्मान ,
ना तो कला को सम्मान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
*प्यासी धरती को मिला, वर्षा का उपहार (कुंडलिया)*
*प्यासी धरती को मिला, वर्षा का उपहार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मेरी सच्चाई को बकवास समझती है
मेरी सच्चाई को बकवास समझती है
Keshav kishor Kumar
We just dream to  be rich
We just dream to be rich
Bhupendra Rawat
अधूरी चीजें कई बार बेहतर होती है,
अधूरी चीजें कई बार बेहतर होती है,
पूर्वार्थ
एक सोच
एक सोच
Neeraj Agarwal
Loading...