लघु कथा।
हमें गर्व है !
एक तरफ करोना अपनी चरम सीमा पर था, वहीं चीन का दगा !
भारत देश को दुश्मनों के साथ -साथ कुछ देश के अंदर के दुश्मनों से भी लड़ना था…. पर देशवासियों को अपने नेता पर पूर्ण भरोसा था और मन में एक कसक थी वायरस के साथ-साथ उसके जनक को भी पूरी तरह से सबक सिखाने की।
इस मुश्किल घड़ी में भी शहीदों के परिजनों ने एक सुर में कहा था …..हमें गर्व है अपने बच्चों पर। यही बात और हौंसला आम लोगों को बहुत कुछ सिखा रहा था।
कामनी गुप्ता***
जम्मू !