(लघुकथा) फैसला
फैसला ( लघुकथा )
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आज वह बेहद खुश दिखाई दिया, बहुत से देवस्थानों, दरगाहों मे जाकर माथा टेका है, मिठाइयाँ बाँटी है उसने….
खुशी की वजह भी कम तो नही….गत वर्षों से चल रहे मुकदमे मे आज कोर्ट का फैसला आया है….
चश्मदीद गवाहों एवं साक्ष्यों के अभाव मे बाइज्जत बरी किया गया है उसे… ..
मामला यह था कि कुछ साल पहले फुटपाथ पर सो रहे कुछ गरीब मजदूरो की मॊतं रात दो तीन बजे के लगभग किसी मोटर कार के द्वारा कुचले जाने से हुई थी ।
रात्रि मे सुनसान राह पर कोई चश्मदीद न होने व पर्याप्त धनसंपन्नता के कारण नामी वकील द्वारा केस लड़े जाने से आज बहुप्रतीक्षित परिणाम प्राप्त हुआ है ।
खुशी के माहॊल मेआज रात उनके आलीशान आवास मे कूछ शुभचिंतक मित्रों के साथ एक शानदार पार्टी का आयोजन भी है…..
गीतेश दुबे✍??