Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jul 2019 · 2 min read

लघुकथा— दादी

दादी
माँ की आकस्मिक मृत्यु के बाद दादी हमारी देखभाल के लिए यहाँ चली आयीं।पापा का पहले ही स्वर्गवास हो चुका था।
अब घर में तीन जन थे.. दादी, मैं और गुड़िया ।गुड़िया मुझसे छह साल छोटी थी।मेरा बी टेक अंतिम वर्ष है।अबकी बार दसवीं की बोर्ड परीक्षा है गुड़िया की।खूब मेहनत कर रही है।दादी दिन भर “गुड़िया गुड़िया” चिल्लाती रहती। मैं गुड़िया के उठने से पहले दादी के पास पहुंच जाता और दादी का काम कर देता।
दादी को ये सब नागवार गुज़र रहा था।
आज फिर दादी चिल्लाई,” ए गुड्डो, किताब छोड़।ज़रा आटा गूंथ दे।मेरे हाथ में दर्द है। “मैंने इशारे से गुड़िया को मना किया और चुपचाप रसोई में चला गया।
मुझे आटा गूंथते देख दादी भड़क गयीं।
” ये क्या कर रहा है ?हमारे घर में लड़के नहीं करते रसोई के काम।सर पे मत चढ़ा लड़की को।कुछ काम कर लेने दे।दो मिनट काम कर देगी तो नंबर कम ना हो जाएंगे इसके।कलक्टर ना बनाना इसने।चूल्हा चौका तो करना ही पड़ेगा”।
” दादी जी, परीक्षा में हर पल कीमती होता है। और फिर मैंने आटा गूंथ दिया तो क्या हुआ? गुड़िया बहन है मेरी! अगले महीने मेरी भी तो परीक्षा है।फिर मैं पढूंगा और गुड़िया आपकी मदद करेगी! ठीक है न दादी?
हम दोनों की आवाज़ सुनकर गुड़िया भी चली आई।
बात दादी को समझ आ गई थी शायद।
कुछ क्षण ठहर कर बोली ,” काश तेरे जैसा भाई ,मेरा भी होता तो अनपढ़ न रहती।मेरा बचपन तो चूल्हे चौंके में ही निकल गया।”
तो दादी…. अभी कौन सा देर हुई है! कल मेरा अंतिम पेपर है।कल से तुम्हारी क्लास शुरू ! लिखना पढ़ना तो तुम्हें सिखा ही दूंगी।फिर रोज़ रामायण पढ़ना”-
और हां दादी…. कलक्टर तो तुम्हारी पोती बनेगी ही ! “गुड़िया दादी की गर्दन में बाहें डालती हुई बोली।
दादी के चेहरे पर खुशी देखने लायक थी।
उन्होंने हम दोनों पर आशीर्वाद की झड़ी लगा दी।
****धीरजा शर्मा***

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 1164 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dheerja Sharma
View all
You may also like:
यही हाल आपके शहर का भी होगा। यक़ीनन।।
यही हाल आपके शहर का भी होगा। यक़ीनन।।
*प्रणय*
World Temperance & National No sugar day 3 October
World Temperance & National No sugar day 3 October
Rj Anand Prajapati
हम न रोएंगे अब किसी के लिए।
हम न रोएंगे अब किसी के लिए।
सत्य कुमार प्रेमी
दिलकश
दिलकश
Vandna Thakur
खुदा भी बहुत चालबाजियाँ करता।
खुदा भी बहुत चालबाजियाँ करता।
Ashwini sharma
"पर्दा"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम गीत
प्रेम गीत
हरीश पटेल ' हर'
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
कवि दीपक बवेजा
श्री शूलपाणि
श्री शूलपाणि
Vivek saswat Shukla
#वर_दक्षिण (दहेज)
#वर_दक्षिण (दहेज)
संजीव शुक्ल 'सचिन'
अनोखा देश है मेरा ,    अनोखी रीत है इसकी।
अनोखा देश है मेरा , अनोखी रीत है इसकी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
लोग आसमां की तरफ देखते हैं
लोग आसमां की तरफ देखते हैं
VINOD CHAUHAN
दाम रिश्तों के
दाम रिश्तों के
Dr fauzia Naseem shad
भेज भी दो
भेज भी दो
हिमांशु Kulshrestha
महाकाल महिमा
महाकाल महिमा
Neeraj Mishra " नीर "
दिलाओ याद मत अब मुझको, गुजरा मेरा अतीत तुम
दिलाओ याद मत अब मुझको, गुजरा मेरा अतीत तुम
gurudeenverma198
शीर्षक – फूलों सा महकना
शीर्षक – फूलों सा महकना
Sonam Puneet Dubey
I want my beauty to be my identity
I want my beauty to be my identity
Ankita Patel
4250.💐 *पूर्णिका* 💐
4250.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
प्रयागराज में तैयारी के दौरान की गई पनीर पार्टी कभी भुलाई नह
प्रयागराज में तैयारी के दौरान की गई पनीर पार्टी कभी भुलाई नह
Rituraj shivem verma
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
डॉक्टर रागिनी
बाहर मीठे बोल परिंदे..!
बाहर मीठे बोल परिंदे..!
पंकज परिंदा
#महल का कंगुरा
#महल का कंगुरा
Radheshyam Khatik
-Relationships require effort.
-Relationships require effort.
पूर्वार्थ
अदब  नवाबी   शरीफ  हैं  वो।
अदब नवाबी शरीफ हैं वो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कर्म ही है श्रेष्ठ
कर्म ही है श्रेष्ठ
Sandeep Pande
**जिंदगी की ना टूटे लड़ी**
**जिंदगी की ना टूटे लड़ी**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जब तक जेब में पैसो की गर्मी थी
जब तक जेब में पैसो की गर्मी थी
Sonit Parjapati
राम की मंत्री परिषद
राम की मंत्री परिषद
Shashi Mahajan
Loading...