Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2021 · 1 min read

लघुकथा- “दया” (राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’)

लघुकथा- “‘दया’’

सब्जी बाज़ार में एक निर्धन और बेबा भी सब्जी बेचती थी लेकिन उससे बहुत कम लोग ही सब्जी लेते थे एक तो उसका रंगरूप आकर्षक नहीं था और वह कुछ मँहगी भी बेचती थी।
लेकिन मैं अक्सर यह सोच कर उसी से ही जानबूझकर ही मंहगी सब्जी ले लिया करता था कि चलो इसका पति नहीं है यह कैसे अकेले घर का गुजारा करती होगी। इस प्रकार से मुझे उससे मंहगी सब्जी खरीदे पर भी आत्मसंतुष्टि मिल जाती थी और मन में प्रसन्नता के भर जाता था।
ये बात अलग है कि मैं कभी मंदिर में नगद पैसा नहीं चढ़ाता। हाँ प्रसाद के रूप में कुछ खाने योग्य ही चढ़ाता हूँं लेकिन यहाँ मुझे जाने क्यों उस बेबा में माता की छबि दिखाई देने लगती है।
000
लघुकथाकार –
©राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
संपादक ‘आकांक्षा’ पत्रिका
जिलाध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़ (म.प्र.)
पिनः472001 मोबाइल-9893520965
E Mail- ranalidhori@gmail.com
Blog – rajeevranalidhori.blogspot.com

Language: Hindi
267 Views
Books from राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
View all

You may also like these posts

आज का सच नही है
आज का सच नही है
Harinarayan Tanha
मन की संवेदना: अंतर्मन की व्यथा
मन की संवेदना: अंतर्मन की व्यथा
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्यार निभाना सीख लेना
प्यार निभाना सीख लेना
GIRISH GUPTA
चाय की आदत
चाय की आदत
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
Pramila sultan
चुनाव नियराइल
चुनाव नियराइल
आकाश महेशपुरी
"कइसन जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
*वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है(जेल से)*
*वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है(जेल से)*
Dushyant Kumar
जय अयोध्या धाम की
जय अयोध्या धाम की
Arvind trivedi
सौन्दर्य के मक़बूल, इश्क़! तुम क्या जानो प्रिय ?
सौन्दर्य के मक़बूल, इश्क़! तुम क्या जानो प्रिय ?
Varun Singh Gautam
जब तक हो तन में प्राण
जब तक हो तन में प्राण
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
3753.💐 *पूर्णिका* 💐
3753.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
माँ तेरा अहसास
माँ तेरा अहसास
श्रीकृष्ण शुक्ल
मन की डायरी
मन की डायरी
Surinder blackpen
बाढ़
बाढ़
Dr. Vaishali Verma
बरसात - अनुपम सौगात
बरसात - अनुपम सौगात
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
बिखरा
बिखरा
Dr.Pratibha Prakash
गीत- उड़ाओ प्यार के बादल...
गीत- उड़ाओ प्यार के बादल...
आर.एस. 'प्रीतम'
कर्म -पथ से ना डिगे वह आर्य है।
कर्म -पथ से ना डिगे वह आर्य है।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
चाहत
चाहत
surenderpal vaidya
हादसे जिंदगी में मेरे कुछ ऐसे हो गए
हादसे जिंदगी में मेरे कुछ ऐसे हो गए
Shubham Pandey (S P)
सबसे पहले वो मेरे नाम से जलता क्यों है।
सबसे पहले वो मेरे नाम से जलता क्यों है।
Phool gufran
😢लुप्त होती परम्परा😢
😢लुप्त होती परम्परा😢
*प्रणय*
एक लम्बा वक्त गुजर गया जाने-अनजाने में,
एक लम्बा वक्त गुजर गया जाने-अनजाने में,
manjula chauhan
-गलतिया -
-गलतिया -
bharat gehlot
प्रायश्चित
प्रायश्चित
Shyam Sundar Subramanian
एक सच ......
एक सच ......
sushil sarna
नया सपना
नया सपना
Kanchan Khanna
एक ग़ज़ल
एक ग़ज़ल
Kshma Urmila
"लागैं बसंत के प्रीति पिया"
राकेश चौरसिया
Loading...