Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2021 · 1 min read

लगी आग नफ़रत की ऐसी जहां में

मैं जब भी पुराना मकान देखता हूं!
थोड़ी- बहुत ख़ुद में जान देखता हूं!

लड़ाई वजूद की वजूद पे है आई,
ख़ुदा का भी ये इम्तिहान देखता हूं!

उजड़ गया आपस के झगड़े में घर,
गली कूचे नया अब मकान देखता हूं!

तल्ख़ लहजे ने तोड़ी थी रिश्तों की डोर,
दीवारें आंगन के दर’मियान देखता हूं!

लगी आग नफ़रत की ऐसी जहां में,
हुआ हर शख़्स है परेशान देखता हूं!

ज़ख्म गहरा था भर गया वक़्त का,
सरे-पेशानी मेरे है निशान देखता हूं!

किसी सूरत ज़मीर का सौदा नहीं किया,
मेरे इमां से रौशन मेरा जहान देखता हूं!

3 Likes · 1 Comment · 325 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कह गया
कह गया
sushil sarna
लोग भय से मुक्त हों  ज्ञान गंगा युक्त हों अग्रसर होतें रहें
लोग भय से मुक्त हों ज्ञान गंगा युक्त हों अग्रसर होतें रहें
DrLakshman Jha Parimal
" अन्तर "
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम के खातिर न जाने कितने ही टाइपिंग सीख गए,
प्रेम के खातिर न जाने कितने ही टाइपिंग सीख गए,
Anamika Tiwari 'annpurna '
कल्पित एक भोर पे आस टिकी थी, जिसकी ओस में तरुण कोपल जीवंत हुए।
कल्पित एक भोर पे आस टिकी थी, जिसकी ओस में तरुण कोपल जीवंत हुए।
Manisha Manjari
Website: https://dongphucasian.com/xuong-may-dong-phuc-ao-th
Website: https://dongphucasian.com/xuong-may-dong-phuc-ao-th
dongphucuytin123
मान जाने से है वो डरती
मान जाने से है वो डरती
Buddha Prakash
रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
Lakhan Yadav
*
*"जहां भी देखूं नजर आते हो तुम"*
Shashi kala vyas
जीवन के रूप (कविता संग्रह)
जीवन के रूप (कविता संग्रह)
Pakhi Jain
हास्य कुंडलिया
हास्य कुंडलिया
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
..
..
*प्रणय*
जीवन से  प्यार करो।
जीवन से प्यार करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मना लिया नव बर्ष, काम पर लग जाओ
मना लिया नव बर्ष, काम पर लग जाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक
Rj Anand Prajapati
बूँद बूँद याद
बूँद बूँद याद
Atul "Krishn"
तुम्हारी चाहतों का दामन जो थामा है,
तुम्हारी चाहतों का दामन जो थामा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शेर
शेर
पाण्डेय नवीन 'शर्मा'
लाख बड़ा हो वजूद दुनियां की नजर में
लाख बड़ा हो वजूद दुनियां की नजर में
शेखर सिंह
"अपने घर के सबसे बडे़ लडके हैं हम ll
पूर्वार्थ
इनपे विश्वास मत कर तू
इनपे विश्वास मत कर तू
gurudeenverma198
*कुकर्मी पुजारी*
*कुकर्मी पुजारी*
Dushyant Kumar
3688.💐 *पूर्णिका* 💐
3688.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*मेले में ज्यों खो गया, ऐसी जग में भीड़( कुंडलिया )*
*मेले में ज्यों खो गया, ऐसी जग में भीड़( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
दौलत
दौलत
Neeraj Agarwal
वह आवाज
वह आवाज
Otteri Selvakumar
प्रीतम के दोहे
प्रीतम के दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
अस्ताचलगामी सूर्य
अस्ताचलगामी सूर्य
Mohan Pandey
*Near Not Afar*
*Near Not Afar*
Poonam Matia
ढ़ूंढ़ रहे जग में कमी
ढ़ूंढ़ रहे जग में कमी
लक्ष्मी सिंह
Loading...