लगाव
लगाव
मुझे लगाव अपने सपनों से
अपनी किताबों की अलमारी से
रिश्ते नातों की स्नेह डोर से
लगाव अड़ोस पड़ोस में रहने वालों से
अपने घर के पेड़ पौधों फूलों से
लगाव है ईश्वर के नाम से
तारों भरी रात में चांद के उजाले से
मुरली की तान से राधा नाम से
लगाव है प्रकृति की धरोहर से
गांव की भोर से गायों के शोर से