— लगन —
जिस ने कुछ बनना है
तो वो साधन बिना भी बनेगा
जिस ने बनना ही नहीं कुछ
वो साधन लेकर भी नहीं बनेगा !!
इस से अच्छा उदाहरण
भला कौन सा दूजा होगा
कर्मठता के संग जो
खुद को भी ढाल लेगा !!
बिना पैसे ही जो दे जाता
इन गरीबों को शिक्षा
नहीं मांगेगा बड़े होकर इनमे से
कोई भी किसी से भिक्षा !!
न पंखा , न कूलर, न ऐ -सी
न बेंच , न क्लास रूम वैसा
फिर भी गरीब का दिल देखो
बनाएगा भविष्य सुनहरा सब का !!
अरमान हों, लगन हो मन में
तो मजिल हांसिल हो ही जायेगी
खुद भी पहुंचेगा बुलंदी पर
इनकी मंजिल भी आसान हो जायेगी !!
फक्र होना चाहिए हम सब को
ऐसे भी दिल वाले होते हैं
खुद की नहीं सोचते जो कभी
वो ही असली हीरो होते हैं !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ