लगनिये में लॉकडाउन हो जाता
वियाह के उत्साह में आवत आवत, सारा अरमान डाउन हो जाता।
करिया बरवा जब पाकत बा, तब ओहपर कलर ब्राउन हो जाता।
तमाम लोग से सिफारिश कर के कइले तैयारी शादी के,
विजया डोली पे चढ़ी कैसे ,जब लगनिये में लॉकडाउन हो जाता।
मेहरी के आस में बेचैन बा विजया रही रही के लड़त बा।
उमर हमार निकलत बा सबसे मिलके उ कहत बा।
जवन शेरवानी ख़रीदले रहल, रखल रखल उ गाउन हो जाता।
विजया डोली पे चढ़ी कैसे ,जब लगनिये में लॉकडाउन हो जाता।
सीना पर चाकी रख के विजया ,दूसरे के शादी देखत बा।
जब शादी के सुरूर चढ़त बा ,थरिया उठा के फेकत बा।
भाषा भी इंग्रेजी हो बोलत बा ,संज्ञा से नाउन हो जाता।
विजया डोली पे चढ़ी कैसे ,जब लगनिये में लॉकडाउन हो जाता।
– सिद्धार्थ पाण्डेय