लगता है __यह अच्छा हुआ _गजल
घर से निकला था मैं तो सफ़र के लिए ।
हमसफ़र बन गए तुम यह अच्छा हुआ।।
तुमने मुझे को चुना चुन लिया हमने तुमको ।
प्यार अपना तो यारा यह सच्चा हुआ।।
टूट जाते हैं वादे कितनो के ही यहां ।
लगता है प्यार उनका यह कच्चा हुआ।।
बोले दद्दा चलना संभलकर जहान में।
सुनता कहां है कैसा यह बच्चा हुआ ।।
राजेश व्यास अनुनय