Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Sep 2022 · 1 min read

*लगता है घर में हैं (गीत)*

लगता है घर में हैं (गीत)
_______________________
लोग चले जो गए, अभी भी लगता है घर में हैं
(1)
उनकी साँसें बसी हुई हैं, घर के हर कोने में
अश्रु गिरे थे जो, अब तक कब सूखे हैं खोने में
गए नहीं वह कहीं, हमारे गहरे भीतर में हैं
(2)
उनकी बोली संस्पर्श घना, वह खुशबू आती है
गई कहाँ मोहक छवि उनकी, अब भी मुस्काती है
रचते हैं हम शब्द, उपस्थित वह हर अक्षर में हैं
लोग चले जो गए, अभी भी लगता है घर में हैं
————————————–
रचयिताः रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उ.प्र.)
मोबाइल 9997615451

1 Like · 133 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
#drarunkumarshastri
#drarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"सृजन"
Dr. Kishan tandon kranti
नशा
नशा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आज का दौर
आज का दौर
Shyam Sundar Subramanian
होना नहीं अधीर
होना नहीं अधीर
surenderpal vaidya
സങ്കടപ്പുഴയിൽ.
സങ്കടപ്പുഴയിൽ.
Heera S
*करते हैं पर्यावरण, कछुए हर क्षण साफ (कुंडलिया)*
*करते हैं पर्यावरण, कछुए हर क्षण साफ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
नाकामयाब पुरुष की कहानी यूँ अनकही रह जाती है,उसकी पसंदीदा स्
नाकामयाब पुरुष की कहानी यूँ अनकही रह जाती है,उसकी पसंदीदा स्
पूर्वार्थ
प्रकाश पर्व
प्रकाश पर्व
Shashi kala vyas
बोलने को मिली ज़ुबां ही नहीं
बोलने को मिली ज़ुबां ही नहीं
Shweta Soni
तेरा ही हाथ है कोटा, मेरे जीवन की सफलता के पीछे
तेरा ही हाथ है कोटा, मेरे जीवन की सफलता के पीछे
gurudeenverma198
ସାଧୁ ସଙ୍ଗ
ସାଧୁ ସଙ୍ଗ
Bidyadhar Mantry
मृत्युभोज
मृत्युभोज
अशोक कुमार ढोरिया
उनसे मुहब्बत करने से पहले ये देखना ज़रूर,
उनसे मुहब्बत करने से पहले ये देखना ज़रूर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कविता :- दुःख तो बहुत है मगर.. (विश्व कप क्रिकेट में पराजय पर)
कविता :- दुःख तो बहुत है मगर.. (विश्व कप क्रिकेट में पराजय पर)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
अरमान
अरमान
Neeraj Agarwal
हर क्षण का
हर क्षण का
Dr fauzia Naseem shad
हम शिक्षक
हम शिक्षक
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
3647.💐 *पूर्णिका* 💐
3647.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
देखिए रिश्ते जब ज़ब मजबूत होते है
देखिए रिश्ते जब ज़ब मजबूत होते है
शेखर सिंह
सब कुछ लुटा दिया है तेरे एतबार में।
सब कुछ लुटा दिया है तेरे एतबार में।
Phool gufran
बिगड़ी छोटी-छोटी सी बात है...
बिगड़ी छोटी-छोटी सी बात है...
Ajit Kumar "Karn"
*कुछ तो बात है* ( 23 of 25 )
*कुछ तो बात है* ( 23 of 25 )
Kshma Urmila
कुछ करा जाये
कुछ करा जाये
Dr. Rajeev Jain
(कहानी)
(कहानी) "सेवाराम" लेखक -लालबहादुर चौरसिया लाल
लालबहादुर चौरसिया लाल
I love you
I love you
Otteri Selvakumar
****बहता मन****
****बहता मन****
Kavita Chouhan
इश्क़
इश्क़
हिमांशु Kulshrestha
पंछी
पंछी
sushil sarna
Loading...