लगता है अपने रिश्ते की उम्र छोटी ही रही ।
लगता है अपने रिश्ते की उम्र छोटी ही रही ।
मै नादान जिसे अपना हक़ समझ बैठा
वो यार मेरी ही कमजोरी रही।
रिश्ते सरलता से बहते हैं उन्हे बाँधा नही जाता
गलतियाँ मेरी ही कुछ उम्मीद से ज्यादा ही रही।
लगता है अपने रिश्ते की उम्र छोटी ही रही ।
मै नादान जिसे अपना हक़ समझ बैठा
वो यार मेरी ही कमजोरी रही।
रिश्ते सरलता से बहते हैं उन्हे बाँधा नही जाता
गलतियाँ मेरी ही कुछ उम्मीद से ज्यादा ही रही।