लगता बहुत दूर है
लगता बहुत दूर है मालूम नहीं,
शायद मजबूर है, मालूम नहीं ।।
वैसे तेरा मकान है मेरे दिल में,
ये इश्क़ भरपूर है, मालूम नहीं ।।
तकब्बुर इस हालात पे लाया,
कितना ग़ुरूर है, मालूम नहीं ।।
तेरे बग़ैर जीना हमसे कैसे हो,
इश्क़ एक फ़ितूर है मालूम नहीं ।।
जा तुझको छोड़ा तेरी मर्ज़ी पे,
तू बहुत मग़रूर है, मालूम नहीं ।।
#हनीफ़_शिकोहाबादी✍️