लक्ष्य ही केंद्रक…………@
आओ एक किस्सा सुनाते है,
क्या घटित हुआ ये बतलाते है!
मुश्किलों से एक मुसाफिर थका,
वो पत्थरों पे जा कर रुका
आया आवाज पत्थर से सुन
मुसाफिर चकित हुआ दारुन
पत्थर बोला रुक मत यहां
तेरा मंजिल है दूर वहां……..
यह सुन मुसाफिर बोला,,
तुम्हे देख मेरा मन डोला।
अब तुमको बताऊं क्या
अपना लक्ष्य पर जाऊं मै क्या..
पत्थर बोला लांग अब मुझे
देख मंजिल बुलाती है तुझे।।।।