लक्ष्य कोई असंभव नहीं
कोई स्वप्न यहां दुर्लभ नहीं
लक्ष्य कोई असंभव नहीं
मन में विश्वास जगाओ
सब संदेह बाहर निकालो
यदि सफल होना है तो
असफलता का डर निकालो
अगर छूने का उत्साह हो तो
बहुत ऊंचा यह नभ नहीं
कोई स्वप्न यहां दुर्लभ नहीं
लक्ष्य कोई असंभव नहीं
कर्तव्य पथ पे चलते हुए
कठिनाइयों से घबराना नहीं
लाख बाधाओं से हो सामना
थककर कहीं ठहर जाना नहीं
हार से अच्छी कोई सीख नहीं “अर्श”
जीत से बड़ा कोई उत्सव नहीं
कोई स्वप्न यहां दुर्लभ नहीं
लक्ष्य कोई असंभव नहीं