****!!लक्ष्य की तैयारी है****!!
ऐ मुसाफिर ,सफर तेरा अगर ,जारी है।
रुक मत जाना ,लक्ष्य की तैयारी है।
अब तक तू चला- आई कई बला,
तेरे विजय की ,अब बारी है।। लक्ष्य की तैयारी है।।
आए संकट, तुझ पर जानता हूं।
क्या-क्या झेला, तूने मानता हूं।
बीतने वाली अब, रात कारी है।। लक्ष्य की तैयारी है।।
अगर थम गया ठहर गया।
समझ तेरा सब कुछ गया।
बचे शेष थोड़े ही क्षण भारी है।। लक्ष्य की तैयारी है।।
इतना आगे निकल आया तू।
जहां तक बिरला ही जाता है।
लक्ष्य तेरा अब दूर नहीं है।
सुफल से महकेगी फुलवारी है ।। लक्ष्य की तैयारी है।।
राजेश व्यास अनुनय