*लक्ष्मण-रेखा (कुंडलिया)*
लक्ष्मण-रेखा (कुंडलिया)
लक्ष्मण-रेखा है खिंची ,भीतर सिया अबोध
बाहर है पसरा पड़ा , लोभी लेकर क्रोध
लोभी लेकर क्रोध ,दशानन जाल बिछाए
चाह रहा है दुष्ट , जानकी को ले जाए
कहते रवि कविराय ,सत्य कटु यह ही देखा
होता है नुक्सान , तोड़कर लक्ष्मण-रेखा
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451