Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Feb 2017 · 2 min read

लकी

लकी,
सुबह के नौ बज़े सृजन चायका कप लिये टीवी देख रहा था की मोबाईल की रिंग….
“सो रहे थे क्या ?”
आवाज़ सुनकर सृजन की आवाज़ में ख़ुशी छा गयी…..वो आवाज़ ,जिसके बगैर उसकी रातें नहीं ढलती -सुबह शुरू नहीं होती।उसकी ख़ास मित्र अनेरी … दो साल से यू .एस मास्टर्स करने गयी थी ।कॉलेज में सबसे ब्रिलियंट …महत्वकांक्षी और उतनी ही सृजन के उसके प्रति प्यार से अन्ज़ान।
“यार, तू ऐसे ही रह जाएगा,तुजसे नहीं होनेवाला प्यार का इज़हार ।”फ्रेंड्स कहते
लेकिन सृजन अनेरी के सपनो की ऊंची उड़ान देख कर चूप रह जाता।रिज़ल्ट के बाद तुरंत ही छोटी सी पार्टी देकर वो चली गयी थी।सृजन अपने घर के बिज़नेस में खो गया, लेकिन रोज़ अनेरी को याद कर अपनी तक़दीर में आयी इस जुदाई से बूझ सा गया था।फोन से बातें होती रहती ,एकदूसरे से अपने और नए दोस्तों के पिक्चर्स शेर करते।
… और ,बिना कुछ बताए अनेरी ने रात को यु .एस से लौटने की और “एक घंटे में मिलने आ रही हूँ “का सरप्राइज़ दे दिया। सृजन को दोस्त की बताई हूँई बात याद आयी की अनेरी के घरवाले उसके लिये लड़का ढूंढ़ रहे थे ।एकदम से नर्वस फील करता तैयार तो हो गया, लेकिन अगर अनेरी अपनी शादी का कार्ड देने आयी होगी, तो कैसे सामना करेगा ?सोचकर हाथ में मोबाईल लिये बैठा रहा ,
‘सृजन बेटा ,जल्दी आओ देखो तुम्हारी फ़्रेन्ड अनेरी आयी है”सुनकर लिविंग रुम की तरफ भागा।ओर ज्यादा खूबसरत लग रही अनेरी को देख आंखो में और दिल में प्यार का तूफ़ाॅंन उमड़ आया ,लेकिन काबू रखते हुए…
“ओह… हाय, कैसी हो ?प्लेसंट सरप्राइज़ !!
मम्मी नास्ता तैयार कर रही थी और बातो में अचानक से अनेरी ने पूछा,
“मैं अपने आपको लकी समज़ूॅंगी ,अगर मेरे पापा तुम्हारे पापा से हमारी शादी के बारे में पूँछे और तुम “हाँ”कह दो,मै पूरी जर्नी के दरमियान नर्वस हो रही थी।”
दो सेकण्ड के लिये एकदम चुपकी छा गयी।
और सृजन थोड़ा सीरियस मुँह बनाकर ,
“थोड़ा सोच लेता हूँ ”
मम्मी ने टेबल पर से डिश देते हुए ,
“क्यों जूठ बोल रहा है ?अनेरी की यादमें तो तू कितना मर रहा है ,सारी दुनिया को पता है.”
…और सब हँस पड़े ।
-मनीषा जोबन देसाई

Language: Hindi
1 Like · 763 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

ग़ज़ल
ग़ज़ल
Dr. Alpana Suhasini
*शुभ गणतंत्र दिवस कहलाता (बाल कविता)*
*शुभ गणतंत्र दिवस कहलाता (बाल कविता)*
Ravi Prakash
जीवन
जीवन
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
शब्दों के कारवाँ
शब्दों के कारवाँ
Kshma Urmila
दुश्मनों  को  मैं हुकार  भरता हूँ।
दुश्मनों को मैं हुकार भरता हूँ।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"एक ही जीवन में
पूर्वार्थ
छोड़ जाते नही पास आते अगर
छोड़ जाते नही पास आते अगर
कृष्णकांत गुर्जर
मैंने हर मुमकिन कोशिश, की उसे भुलाने की।
मैंने हर मुमकिन कोशिश, की उसे भुलाने की।
ओसमणी साहू 'ओश'
बुद्धि
बुद्धि
Vishnu Prasad 'panchotiya'
ज़िंदगी
ज़िंदगी
Raju Gajbhiye
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के अन्तर्विरोध
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के अन्तर्विरोध
कवि रमेशराज
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
सुंदरी सवैया
सुंदरी सवैया
Rambali Mishra
इस दुनिया में कोई भी मजबूर नहीं होता बस अपने आदतों से बाज़ आ
इस दुनिया में कोई भी मजबूर नहीं होता बस अपने आदतों से बाज़ आ
Rj Anand Prajapati
चांद सितारे चाहत हैं तुम्हारी......
चांद सितारे चाहत हैं तुम्हारी......
Neeraj Agarwal
सेनेटाइज़र~जिंदगी
सेनेटाइज़र~जिंदगी
bhandari lokesh
"यादों की कैद से आज़ाद"
Lohit Tamta
4043.💐 *पूर्णिका* 💐
4043.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बचा ले मुझे🙏🙏
बचा ले मुझे🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मन की डोर
मन की डोर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
रूड़ौ म्हारो गांव धुम्बड़ियौ🌹
रूड़ौ म्हारो गांव धुम्बड़ियौ🌹
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
हर-दिन ,हर-लम्हा,नयी मुस्कान चाहिए।
हर-दिन ,हर-लम्हा,नयी मुस्कान चाहिए।
डॉक्टर रागिनी
पिया पी के रहे पगलाइल
पिया पी के रहे पगलाइल
आकाश महेशपुरी
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मजबूरी
मजबूरी
P S Dhami
बेटी
बेटी
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
कभी इश्क ना करना
कभी इश्क ना करना
डॉ. एकान्त नेगी
वक्त नहीं
वक्त नहीं
Vandna Thakur
आधुनिक बारिश का इंतजार
आधुनिक बारिश का इंतजार
goutam shaw
सच कहना जूठ कहने से थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इसे कहने म
सच कहना जूठ कहने से थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इसे कहने म
ruby kumari
Loading...