Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2024 · 2 min read

लंगड़ी किरण (यकीन होने लगा था)

डबराल जी की व्यथा
‘लगड़ी किरण’ का
मैं भी गवाह रहा हूँ
निज रचनाधर्मिता के
शैशवावस्था में
निरापद ऐसे अनुभवों
से मैं भी गुजर चुका हूँ।

याद है मुझे मेरी प्रथम
कविता संग्रह
‘और नदी डूब गयी’
का प्रथम प्रस्तुतीकरण
हजारों की भीड़ में
मेरे एक अनन्य द्वारा
उसका राजनैतिककरण।

संयोग मेरे आचार्य द्वारा
ही होना था
उसका लोकार्पण
एक से एक तथाकथित
धुरंधरों द्वारा अनवरत
कविताओं के पाठ
चल रहे थे
मांग मांग कर तालियां
और वाह- वाह
लिये जा रहे थे।

मेरे नवांकुर कवि हृदय
के मन में
उनकी स्तरीयता को
लेकर कुछ सार्थक
द्वंद्व चल रहे थे
मेरी संवेदनशीलता
उनके मध्य समायोजित
नही हो पा रहे थे।

मुझे अब यह लगभग
यकीन होने लगा था
कि यह मेरा प्रथम
व अंतिम संग्रह होनेवाला था
क्योंकि ऐसी गोष्ठियों के
उपयुक्त मैं कदापि नहीं था
छायावाद की
आधारशिला पर मैं जो
संवेदना का कवि ठहरा था।

जहाँ न तालियां
मिलती है, न वाह
जब कि यही दिख रही थी
वहां सफलता के पर्याय
मेरी विधा में तो बस
आलोचना ही है
जिससे बेशक साहित्य
का स्वरूप निखरता है
लेकिन यह सबके
बस का नही है।
फिर मैं कहाँ खप पाऊँगा
हाँ मैं लौट के अब
वापस ही चला जाऊंगा।

मेरी मनोदशा भाप
मेरे आचार्य ने तब
मुझको संभाला
बुलाकर डबराल की
लगड़ी किरण का भावार्थ
पुनः दोहराया
बोले निर्मेष तुम्हे ईश
ने जिसके निमित्त पठाया है
बस वही करो
जो तुम्हे तेरे मन को भाया है।

मेरा मन आत्मविश्वास से
भर गया
मन ने एक दृढ़संकल्प
कर लिया
आज एक पुस्तक
छः से अधिक काव्य
संग्रह और दस से अधिक
सांझा संग्रह धरातल पर है।

मुझे कभी ज्यादे की
चाह नही
ईश्वर ने भी कम भी
नही दिया है
बस निर्मेष यह जिंदगी
संवेदनाओं की होकर
संवेदना के मध्य
पूरी संवेदना से कट रहा है।

निर्मेष

156 Views
Books from Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
View all

You may also like these posts

हो तन मालिन जब फूलों का, दोषी भौंरा हो जाता है।
हो तन मालिन जब फूलों का, दोषी भौंरा हो जाता है।
दीपक झा रुद्रा
" धीरे-धीरे"
Dr. Kishan tandon kranti
नारी शक्ति.....एक सच
नारी शक्ति.....एक सच
Neeraj Agarwal
वसंत - फाग का राग है
वसंत - फाग का राग है
Atul "Krishn"
दुखड़े   छुपाकर  आ  गया।
दुखड़े छुपाकर आ गया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
कहो जय भीम
कहो जय भीम
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
कहनी चाही कभी जो दिल की बात...
कहनी चाही कभी जो दिल की बात...
Sunil Suman
ढ़ांचा एक सा
ढ़ांचा एक सा
Pratibha Pandey
उॅंगली मेरी ओर उठी
उॅंगली मेरी ओर उठी
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जब आपके आस पास सच बोलने वाले न बचे हों, तो समझिए आस पास जो भ
जब आपके आस पास सच बोलने वाले न बचे हों, तो समझिए आस पास जो भ
Sanjay ' शून्य'
राजकली देवी शैक्षिक पुस्तकालय का इतिहास (संस्मरण /लेख)
राजकली देवी शैक्षिक पुस्तकालय का इतिहास (संस्मरण /लेख)
Ravi Prakash
💪         नाम है भगत सिंह
💪 नाम है भगत सिंह
Sunny kumar kabira
एक मौके की तलाश
एक मौके की तलाश
Sonam Puneet Dubey
3303.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3303.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
भोपाल गैस काण्ड
भोपाल गैस काण्ड
Shriyansh Gupta
मन
मन
MEENU SHARMA
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सोच के दायरे
सोच के दायरे
Dr fauzia Naseem shad
हार हमने नहीं मानी है
हार हमने नहीं मानी है
संजय कुमार संजू
कोरोना
कोरोना
Nitesh Shah
तेरी कुर्बत में
तेरी कुर्बत में
हिमांशु Kulshrestha
जय हिंदी
जय हिंदी
*प्रणय*
माँ दया तेरी जिस पर होती
माँ दया तेरी जिस पर होती
Basant Bhagawan Roy
कहना तो बहुत कुछ है
कहना तो बहुत कुछ है
पूर्वार्थ
कविता
कविता
Nmita Sharma
थकान...!!
थकान...!!
Ravi Betulwala
তারিখ
তারিখ
Otteri Selvakumar
वक्त को पीछे छोड़ दिया
वक्त को पीछे छोड़ दिया
Dheerja Sharma
7) पूछ रहा है दिल
7) पूछ रहा है दिल
पूनम झा 'प्रथमा'
Loading...