-रौनक
मम्मी, पापा, भाई बहन
चाचा ताऊ दादा सबकी लाडो होती है बेटियां,
न जाने कब बड़ी हो सबको छोड़ ससुराल चली जाती है बेटियां,
संवारती,सजाती फिर से दूसरे घर को भी बेटियां,
सास,ससुर ,देवर जेठ
नन्द ,जेठानी सबको आदर देती है बेटियां,
सबके सपनों को पूरा करने में अपनी ख्वाहिशों को भूल जाती है बेटियां,
फिर भी सब कहते हैं
पराई होती है बेटियां,
मैं कहती हूं पराई कहां
दो- दो घर की रौनक होती है बेटियां,
बहुत खुशनसीब है वो माता-पिता जिनको
भगवान ने दी है बेटियां।
सचमुच लक्ष्मी, अन्नपूर्णा का अवतार है बेटियां,
-सीमा गुप्ता, अलवर