रोशनी
शीर्षक – रोशनी
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रोशनी और हम जीवन कहते हैं।
अंधेरे में रोशनी से देखते हैं।
जीवन और जिंदगी रोशनी होती हैं।
हम सभी रोशनी को मानते हैं।
सच और खुशी रोशनी होती हैं।
अंधेरे को रोशनी दूर करतीं हैं।
हम अपने जीवन में रोशनी चाहते हैं।
रोशन उजाला और प्रकाश कहते हैं।
हर सुबह की किरणें रोशनी करतीं हैं।
कुदरत ही रोशनी का नाम होता हैं।
सच और सोच हमारी अपनी होती है।
आओ अंधेरे में रोशनी करते हैं।
जिंदगी हम खुशियां रोशनी की करते हैं।
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नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उ.प्र