रोला
रोला
सृजन शब्द- मोक्ष
पाना हो जो मोक्ष, करो तुम पावन पूजा ।
भक्ति मार्ग है जान,ठौर न कोई दूजा ।।
रखो नियत को साफ, भला ही सोचो जग का।
नेकी कर दिल खोल, कर्म ही फलता सबका ।।
लोभ मोह को छोड़, मोक्ष जो पाना तुमने ।
सोच ह्रदय से जीव, बीज क्या
बोए हमने।।
पेड़ पाप का सींच, मिले फल तुमको खारे।
भक्ति भाव की नाव,जगत से हमको तारे।।
काशी है शिव धाम, मोक्ष की बहती गंगा।
भोले करते वास, हरे दुख मन हो चंगा।।
विश्व नाथ दें दर्श, करो नित पूजन वंदन ।
बनते बिगड़े काम, शिवा हैं शीतल चंदन ।।
सीमा शर्मा “अंशु”