रोला छंद
रोला छंद
दमके ऐसे गाल, साँझ की जैसे लाली ।
मृग शावक सी चाल ,चले देखो मतवाली ।
मदिरालय से नैन, करें सबको दीवाना ।
अधरों पर मुस्कान, प्यार का मधुर तराना ।
सुशील सरना /
रोला छंद
दमके ऐसे गाल, साँझ की जैसे लाली ।
मृग शावक सी चाल ,चले देखो मतवाली ।
मदिरालय से नैन, करें सबको दीवाना ।
अधरों पर मुस्कान, प्यार का मधुर तराना ।
सुशील सरना /