Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2024 · 1 min read

रोये रोये आज दिल रोये

रोये रोये आज दिल रोये

रोये रोये आज दिल रोये
मन उदास सुध-बुध खोये।
कल थी हरियाली, खेत हरे-भरे,
चिड़ियों की चहक, किसान का सहारे,
पायल की छनछन, चूड़ी की खनखन,
गांव था गुलज़ार, चेहरों पर मुस्कान।
कहाँ खो गई वो अनमोल पहचान,
रोये रोये आज दिल रोये।

क्यारी की कोख से उगा था जीवन,
मासूम पत्ते, नवजात सा तन।
मटमैला पानी, गहराई में छिपा,
डूब गया जैसे कोई सपना।
रातों की नींदें अब कहाँ बची,
सोचों में उलझी है हर घड़ी।
खेत की मेहनत, रोज़ी का सवाल,
मन मार टाका ले जाता दलाल,
रोये रोये आज दिल रोये।

पर कल फिर आएगा वो सूरज,
नई किरणें लाएगा नया संघर्ष।
जीना है सबको, नहीं झुकेंगे हम,
पत्थरों में भी उगेंगे अंकुर हम।
फिर से खिलेंगे खेत, आंगन में चहल-पहल,
नन्हे पांवों से गूंजेगा हर पल।
माना खोया है बहुत, पर फिर से खिलेगा,
उम्मीद का दरख़्त नया दिखेगा।
रोये रोये आज दिल रोये।

—-श्रीहर्ष—-

Language: Hindi
28 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

वर्षा ऋतु के बाद
वर्षा ऋतु के बाद
लक्ष्मी सिंह
आशीष के दीप है जलाती, दुखों के तम से बचाती है माँ।
आशीष के दीप है जलाती, दुखों के तम से बचाती है माँ।
Dr Archana Gupta
मेरे दो बेटे हैं
मेरे दो बेटे हैं
Santosh Shrivastava
ज़िंदगी का खेल है, सोचना समझना
ज़िंदगी का खेल है, सोचना समझना
पूर्वार्थ
हमारी प्यारी मां को जन्म दिन की बधाई ..
हमारी प्यारी मां को जन्म दिन की बधाई ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
मन के मनके फोड़ा कर...!!
मन के मनके फोड़ा कर...!!
पंकज परिंदा
उड़ान
उड़ान
Saraswati Bajpai
यूं मेरी आँख लग जाती है,
यूं मेरी आँख लग जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
याद जब
याद जब
Dr fauzia Naseem shad
घनाक्षरी- पेड़ की कृपा
घनाक्षरी- पेड़ की कृपा
आकाश महेशपुरी
प्रेम की ज्योत
प्रेम की ज्योत
Mamta Rani
विजय दशमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
विजय दशमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
Sonam Puneet Dubey
गणेश वंदना
गणेश वंदना
Sushil Pandey
"वाकया"
Dr. Kishan tandon kranti
श्रमजीवी
श्रमजीवी
नवल किशोर सिंह
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जब तक इंसान धार्मिक और पुराने रीति रिवाजों को तर्क के नजरिए
जब तक इंसान धार्मिक और पुराने रीति रिवाजों को तर्क के नजरिए
Rj Anand Prajapati
उड़ान ऐसी भरो की हौसलों की मिसाल दी जाए।।
उड़ान ऐसी भरो की हौसलों की मिसाल दी जाए।।
Lokesh Sharma
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
स्त्री का तो बस चरित्र ही नहीं
स्त्री का तो बस चरित्र ही नहीं
Juhi Grover
दोहा
दोहा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
आज भी अधूरा है
आज भी अधूरा है
Pratibha Pandey
2633.पूर्णिका
2633.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
■ पसंद अपनी-अपनी, शौक़ अपने-अपने। 😊😊
■ पसंद अपनी-अपनी, शौक़ अपने-अपने। 😊😊
*प्रणय*
अपना पन तो सब दिखाते है
अपना पन तो सब दिखाते है
Ranjeet kumar patre
पंचयति
पंचयति
श्रीहर्ष आचार्य
गंगा- सेवा के दस दिन (चौथादिन)
गंगा- सेवा के दस दिन (चौथादिन)
Kaushal Kishor Bhatt
दौड़ी जाती जिंदगी,
दौड़ी जाती जिंदगी,
sushil sarna
A GIRL WITH BEAUTY
A GIRL WITH BEAUTY
SURYA PRAKASH SHARMA
वासना है तुम्हारी नजर ही में तो मैं क्या क्या ढकूं,
वासना है तुम्हारी नजर ही में तो मैं क्या क्या ढकूं,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
Loading...