रोमांटिक होना छिछोरा होना नहीं होता,
रोमांटिक होना छिछोरा होना नहीं होता,
इंसान वही रोमांटिक हो सकता है,
जिसमें एहसास को समझने की समझ हो,
जिसमें जज्बात हों, आरजुएँ हों, भावनाएं हों,
जिसमें जिंदादिली हो, जो प्रेम को जीना जानता हो,
जो देना जानता हो, जो बेइंतहा एहसासों से भरा हो, जिसमें आकाश जैसी विशालता हो, जिसमें फूलों की कोमलता ही नहीं उनकी सुगन्ध भी हो,
जिसका वजूद बहुत नन्हीं नन्हीं चीजों से जुड़ा हो,
जो सूखे गुलाबों को भी महक से सराबोर करना जानता हो, जो मुस्कुराहटों में छिपे दर्द पहचान ले, रोमांटिक होना छिछोरा नहीं होता