रोमांच
रोमांच
बदन संगमरमर है या तराशा हुआ टुकड़ा कांच सा
शबनम की बूँद ढले तो लगे है तपता कनक आंच सा
नजर है की उसके उत्कृष्ट बदन पर ठहरती ही नहीं
निहारे जो भी उस अनुठे सौंदर्य को लगे रोमांच सा !!
!
!
!
डी के निवातिया ……!!
रोमांच
बदन संगमरमर है या तराशा हुआ टुकड़ा कांच सा
शबनम की बूँद ढले तो लगे है तपता कनक आंच सा
नजर है की उसके उत्कृष्ट बदन पर ठहरती ही नहीं
निहारे जो भी उस अनुठे सौंदर्य को लगे रोमांच सा !!
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डी के निवातिया ……!!