Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2024 · 1 min read

रोना धोना

झूठ पर खड़ा घरौंदा बिखर जाता है,
वक्त आने पर मुखौटा उतर जाता है।

उनकी अभिनय की कलई खुल गयी,
जनता को पहले ही खबर मिल गयी।

भावुकता में जो जनता उसने ठगी थी,
रोयेगा, जनता पहले ही कहने लगी थी।

ज्योंही उनका अभिनय धार खोता है,
तो पता लगा वो बार-बार क्यों रोता है।

अनायास ही अपना संयम खो दिया,
और एक मर्द आज फिर रो दिया।

भावनाओं के दोहन की पोल खुल गई,
अभिनय की तो जैसे चूल हिल गई।

बिना भाव लिए रोना अब खलने लगा है ,
क्योंकि अभिनेता का जलवा ढलने लगा है ।

52 Views
Books from Khajan Singh Nain
View all

You may also like these posts

मज़दूर दिवस विशेष
मज़दूर दिवस विशेष
Sonam Puneet Dubey
4144.💐 *पूर्णिका* 💐
4144.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मोदी सरकार
मोदी सरकार
उमा झा
■ तंत्र का षड्यंत्र : भय फैलाना और लाभ उठाना।
■ तंत्र का षड्यंत्र : भय फैलाना और लाभ उठाना।
*प्रणय*
*दुष्टों का संहार करो प्रभु, हमसे लड़ा न जाता (गीत)*
*दुष्टों का संहार करो प्रभु, हमसे लड़ा न जाता (गीत)*
Ravi Prakash
"वक्त के गर्त से"
Dr. Kishan tandon kranti
कह गया
कह गया
sushil sarna
कई बार सोचती हूँ ,
कई बार सोचती हूँ ,
Manisha Wandhare
जब मेरी नज़र से देखोगे तब मेरी दहर को समझोगे।
जब मेरी नज़र से देखोगे तब मेरी दहर को समझोगे।
Kumar Kalhans
हर एक चेहरा निहारता
हर एक चेहरा निहारता
goutam shaw
दुख दें हमें उसूल जो, करें शीघ्र अवसान .
दुख दें हमें उसूल जो, करें शीघ्र अवसान .
RAMESH SHARMA
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
Rj Anand Prajapati
20. *कैसे- कैसे रिश्तें*
20. *कैसे- कैसे रिश्तें*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
कभी-कभी नींद बेवजह ही गायब होती है और हम वजह तलाश रहे होते ह
कभी-कभी नींद बेवजह ही गायब होती है और हम वजह तलाश रहे होते ह
पूर्वार्थ
सवालिया जिंदगी
सवालिया जिंदगी
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
जिंदगी जी कुछ अपनों में...
जिंदगी जी कुछ अपनों में...
Umender kumar
उपासना के निहितार्थ
उपासना के निहितार्थ
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
सफर या रास्ता
सफर या रास्ता
Manju Singh
भारत ने रचा इतिहास।
भारत ने रचा इतिहास।
Anil Mishra Prahari
बस यूँ ही
बस यूँ ही
Neelam Sharma
दिल की बात बताऊँ कैसे
दिल की बात बताऊँ कैसे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
माणुष
माणुष
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
कोरोना कविता
कोरोना कविता
Mangu singh
ये बेकरारी, बेखुदी
ये बेकरारी, बेखुदी
हिमांशु Kulshrestha
(वक्त)
(वक्त)
Sangeeta Beniwal
कुछ बेनाम कविताएं
कुछ बेनाम कविताएं
Padmaja Raghav Science
दरअसल Google शब्द का अवतरण आयुर्वेद के Guggulu शब्द से हुआ ह
दरअसल Google शब्द का अवतरण आयुर्वेद के Guggulu शब्द से हुआ ह
Anand Kumar
स्तुति - गणपति
स्तुति - गणपति
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सरसी छंद
सरसी छंद
seema sharma
ईश्क वाली दोस्तीं
ईश्क वाली दोस्तीं
Sonu sugandh
Loading...