रोता बोल पडा़
वो रोता रोता बोल पडा
मेरा भी कब है मोल पडा
सुख चैन तुम्हारे लेता हूँ
तब पल राहत के देता हूँ
जब होती बातें चाहत की
तब मिलती साँसें राहत की
जब जज़बातों मे बहता हूँ
तब आँखों से सब कहता हूँ
आँखों के आँसू पीता हूँ
मैं दिल हूँ दिल मे जीता हूँ
मरता मुझको जब पाओगे
खुद जीते जी मर जाओगे
अब राजन खुदमें खोज मुझे
तब चैन मिलेगा रोज मुझे
जब खुद मे मुझ को पाएगा
तब गीत खुशी के गाएगा