Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Nov 2019 · 1 min read

रोता कहीं कबीर !!

रोता कहीं कबीर !!

कविता आनंददायिनी, लेती मन को जीत !
मानो कोयल गा रही, कोई मीठा गीत !!

कविता कंगन बोल है, पायल की झंकार !
सच में दुल्हन-सी लगे, किये छंद शृंगार !!

कविता है कामायनी, गीता का उपदेश ! !
जीवन ये संवारती, बनकर हितोपदेश !!

हर कविता में है छुपी, कवि हृदय की पीर !
दुःख मीरा का है कहीं, रोता कहीं कबीर !!

उमड़े मन में जब कहीं, भावों का मकरंद !
चुपके-चुपके फूटतें, तब कविता के छंद !!

सजनी आकर बैठती, जब चुपके से पास !
कविताओं के बोल में, शब्द ढले अनायास !!

छंद दुखों का बन गया, जब ये जीवन गीत !
तब कविता बन के रही, मेरा सच्चा मीत !!

कह ना पाए बोल जब, दर्द भरें जज्बात !
सौरभ कविता में कहे, मन की सारी बात !!

✍ सत्यवान सौरभ

ईमेल: satywanverma333@gmail.com
कांटेक्ट: परी वाटिका, कौशल्या भवन , बरवा (सिवानी) भिवानी, हरयाणा – 127045
मोबाइल :9466526148,01255281381

Language: Hindi
11 Likes · 9 Comments · 300 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बहराइच की घटना पर मिली प्रतिक्रियाओं से लग रहा है कि लोहिया
बहराइच की घटना पर मिली प्रतिक्रियाओं से लग रहा है कि लोहिया
गुमनाम 'बाबा'
!..............!
!..............!
शेखर सिंह
निहारा
निहारा
Dr. Mulla Adam Ali
भक्तिकाल
भक्तिकाल
Sanjay ' शून्य'
अश्रु
अश्रु
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मुझ पे एहसान वो भी कर रहे हैं
मुझ पे एहसान वो भी कर रहे हैं
Shweta Soni
शीर्षक तेरी रुप
शीर्षक तेरी रुप
Neeraj Agarwal
राख देह की पांव पसारे
राख देह की पांव पसारे
Suryakant Dwivedi
"दोस्ताना "
DrLakshman Jha Parimal
ज्ञान का अर्थ अपने बारे में होश आत्मबोध
ज्ञान का अर्थ अपने बारे में होश आत्मबोध
ओंकार मिश्र
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
कृष्णकांत गुर्जर
एक तरफे इश्क़ के आदि लोग,
एक तरफे इश्क़ के आदि लोग,
ओसमणी साहू 'ओश'
"किसान का दर्द"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
विचलित लोग
विचलित लोग
Mahender Singh
सबकी विपदा हरे हनुमान
सबकी विपदा हरे हनुमान
sudhir kumar
"आग से बचा लो"
Dr. Kishan tandon kranti
..
..
*प्रणय*
✍️ नशे में फंसी है ये दुनियां ✍️
✍️ नशे में फंसी है ये दुनियां ✍️
राधेश्याम "रागी"
खयालात( कविता )
खयालात( कविता )
Monika Yadav (Rachina)
अरदास
अरदास
Buddha Prakash
4888.*पूर्णिका*
4888.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हम कुछ कार्य करने से पहले बहुत बार कल्पना करके और समस्या उत्
हम कुछ कार्य करने से पहले बहुत बार कल्पना करके और समस्या उत्
Ravikesh Jha
संस्कारों की रिक्तता
संस्कारों की रिक्तता
पूर्वार्थ
हमने ये शराब जब भी पी है,
हमने ये शराब जब भी पी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल(ये शाम धूप के ढलने के बाद आई है)
ग़ज़ल(ये शाम धूप के ढलने के बाद आई है)
डॉक्टर रागिनी
उस चाँद की तलाश में
उस चाँद की तलाश में
Diwakar Mahto
जो लगती है इसमें वो लागत नहीं है।
जो लगती है इसमें वो लागत नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
बारिश की हर बूँद पर ,
बारिश की हर बूँद पर ,
sushil sarna
तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ...
तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ...
Sunil Suman
यह कौनसा आया अब नया दौर है
यह कौनसा आया अब नया दौर है
gurudeenverma198
Loading...