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5 Dec 2016 · 1 min read

रोटी के लिए ज़िद मत कर

कविता

रोटी के लिए ज़िद मत कर

*अनिल शूर आज़ाद

भूख लगी है न तुझे
देख,अभी पानी पी ले
नीम पर बैठी चिड़िया
कभी ज़िद करती है क्या

बन्दर की कहानी
सुनाई थी न तुझे/जो कहता था
चांद पर जाकर
परियों से खेलूंगा
तुझे भी/परियों के साथ
खेलना है ना
देख,अभी पानी पी ले

तू रोएगा तो
चांद तुझसे कट्टी कर देगा
बुलबुल तुझे बुलाएगी ही नही
इसलिए देख
रोटी के लिए ज़िद मत कर।

Language: Hindi
247 Views
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