Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Mar 2023 · 1 min read

*रोज बदलते मंत्री-अफसर,बाबू सदाबहार 【हास्य गीत】*

रोज बदलते मंत्री-अफसर,बाबू सदाबहार 【हास्य गीत】
★★★★★★★★★★★★★★★★
रोज बदलते मंत्री-अफसर, बाबू सदाबहार
(1)
आती है सरकार नई ,सरकार पुरानी जाती
जीत-हार नेताओं के ,केवल हिस्से में आती
कब अफसर-बाबू की बदली ,दफ्तर में सरकार
(2)
सुरती खाकर पीक थूकते, रहते बाबू-अफसर
रिश्वत खाने के कम होते, कब हैं इनके अवसर
फाइल आगे बढ़ती तब, जब इनका हो सत्कार
(3)
मंत्री जी को कहाँ पता, सब अफसर नियम बनाते
जिनका पड़ता काम लोग, बाबू को रोज मनाते
सभी दलों के समझो सारे, मंत्री जी बेकार
(4)
सभी विभागों में अफसर, बाबू बस राज चलाते
नियम-उपनियम और विनियमन, यह ही हैं दिखलाते
जो इनको खुश करता उसका, होता बेड़ा पार
रोज बदलते मंत्री-अफसर, बाबू सदाबहार
————————————————-
रचयिता रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

303 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
4037.💐 *पूर्णिका* 💐
4037.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
खींचातानी  कर   रहे, सारे  नेता लोग
खींचातानी कर रहे, सारे नेता लोग
Dr Archana Gupta
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
पहले उसकी आदत लगाते हो,
पहले उसकी आदत लगाते हो,
Raazzz Kumar (Reyansh)
"चाँद को देखकर"
Dr. Kishan tandon kranti
*आओ देखो नव-भारत में, भारत की भाषा बोल रही (राधेश्यामी छंद)*
*आओ देखो नव-भारत में, भारत की भाषा बोल रही (राधेश्यामी छंद)*
Ravi Prakash
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
Kumar lalit
आंखों में ख़्वाब है न कोई दास्ताँ है अब
आंखों में ख़्वाब है न कोई दास्ताँ है अब
Sarfaraz Ahmed Aasee
मन इतना क्यों बहलाता है, रोज रोज एक ही बात कहता जाता है,
मन इतना क्यों बहलाता है, रोज रोज एक ही बात कहता जाता है,
पूर्वार्थ
हो सके तो तुम स्वयं को गीत का अभिप्राय करना।
हो सके तो तुम स्वयं को गीत का अभिप्राय करना।
दीपक झा रुद्रा
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" स्त्री 2 से लौटेगी बॉक्स ऑफिस की रौनक़ " - रिपोर्ट
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
सफलता
सफलता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आज का युग ऐसा है...
आज का युग ऐसा है...
Ajit Kumar "Karn"
7) पूछ रहा है दिल
7) पूछ रहा है दिल
पूनम झा 'प्रथमा'
आजकल सबसे जल्दी कोई चीज टूटती है!
आजकल सबसे जल्दी कोई चीज टूटती है!
उमेश बैरवा
सोच का अंतर
सोच का अंतर
मधुसूदन गौतम
..
..
*प्रणय*
माँ भारती की पुकार
माँ भारती की पुकार
लक्ष्मी सिंह
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
Ranjeet kumar patre
वाराणसी की गलियां
वाराणसी की गलियां
PRATIK JANGID
रजनी छंद (विधान सउदाहरण)
रजनी छंद (विधान सउदाहरण)
Subhash Singhai
राशिफल से आपका दिन अच्छा या खराब नही होता बल्कि कर्मों के फल
राशिफल से आपका दिन अच्छा या खराब नही होता बल्कि कर्मों के फल
Rj Anand Prajapati
भगवान भी शर्मिन्दा है
भगवान भी शर्मिन्दा है
Juhi Grover
लौट आओ तो सही
लौट आओ तो सही
मनोज कर्ण
अगर किसी के पास रहना है
अगर किसी के पास रहना है
शेखर सिंह
ऐ चांद! तुम इतराते
ऐ चांद! तुम इतराते
Indu Singh
श्री गणेश जी का उदर एवं चार हाथ
श्री गणेश जी का उदर एवं चार हाथ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हिरनी जैसी जब चले ,
हिरनी जैसी जब चले ,
sushil sarna
कैमरे से चेहरे का छवि (image) बनाने मे,
कैमरे से चेहरे का छवि (image) बनाने मे,
Lakhan Yadav
Loading...