*रोज बदलते अफसर-नेता, पद-पदवी-सरकार (गीत)*
रोज बदलते अफसर-नेता, पद-पदवी-सरकार (गीत)
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रोज बदलते अफसर-नेता, पद-पदवी-सरकार
1)
राजमुकुट की कुछ मत पूछो, डोला-डोला फिरता
भाग्य प्रबल होता जिसका जब, पुलिस-फौज से घिरता
सुबह-शाम कद घटता-बढ़ता, लेता नव-आकार
2)
ढोल बज रहे नव-आगंतुक, दूल्हे जैसा आता
जो भी बैठा पद पर उसको, जग यह शीश झुकाता
चार दिवस के मेले सबके, चार दिवस सत्कार
3)
किसे मिला अक्षय-पद किसने, अमर वस्तुऍं पाईं
अष्ट सिद्धि नव निधियॉं शाश्वत, घर में किसके आईं
चलाचली चलते रहने को, कहते हैं संसार
रोज बदलते अफसर-नेता, पद-पदवी-सरकार
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा रामपुर उत्तर प्रदेश मोबाइल 99976 15451