Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jul 2016 · 1 min read

रोजाना फिर ईद है (दोहे)

रोजाना फिर ईद है, हर महिना रमजान !
हमने अंदर का अगर,मार दिया शैतान !!
जाते-जाते भी यही, सिखा गया रमजान !
होती है हर धर्म की, …कर्मों से पहचान !!
आंसू जिसने दीन का,..लिया हमेशा चूम !
रहमत से रमजान की,हुआ न वो महरूम !!
भूखे के मुंह में कभी , दिया नहीं इक ग्रास !
फिर तो तेरा व्यर्थ है, किया हुआ उपवास !!
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 339 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
माँ बाप बिना जीवन
माँ बाप बिना जीवन
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
हम तूफ़ानों से खेलेंगे, चट्टानों से टकराएँगे।
हम तूफ़ानों से खेलेंगे, चट्टानों से टकराएँगे।
आर.एस. 'प्रीतम'
!! चहक़ सको तो !!
!! चहक़ सको तो !!
Chunnu Lal Gupta
"मित्रता और मैत्री"
Dr. Kishan tandon kranti
तोता और इंसान
तोता और इंसान
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
नसीबों का मुकद्दर पर अब कोई राज़ तो होगा ।
नसीबों का मुकद्दर पर अब कोई राज़ तो होगा ।
Phool gufran
यहां कुछ भी स्थाई नहीं है
यहां कुछ भी स्थाई नहीं है
शेखर सिंह
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
कालः  परिवर्तनीय:
कालः परिवर्तनीय:
Bhupendra Rawat
पेड़ और ऑक्सीजन
पेड़ और ऑक्सीजन
विजय कुमार अग्रवाल
एक लेख...…..बेटी के साथ
एक लेख...…..बेटी के साथ
Neeraj Agarwal
बेडी परतंत्रता की 🙏
बेडी परतंत्रता की 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तीन मुक्तकों से संरचित रमेशराज की एक तेवरी
तीन मुक्तकों से संरचित रमेशराज की एक तेवरी
कवि रमेशराज
मौत
मौत
Harminder Kaur
जादू टोना टोटका,
जादू टोना टोटका,
sushil sarna
लम्हे पुराने
लम्हे पुराने
मनोज कर्ण
सोचा नहीं था एक दिन , तू यूँ हीं हमें छोड़ जाएगा।
सोचा नहीं था एक दिन , तू यूँ हीं हमें छोड़ जाएगा।
Manisha Manjari
उन पुरानी किताबों में
उन पुरानी किताबों में
Otteri Selvakumar
प्रेम रंग में रंगी बांसुरी भी सातों राग सुनाती है,
प्रेम रंग में रंगी बांसुरी भी सातों राग सुनाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कभी कभी किसी व्यक्ति(( इंसान))से इतना लगाव हो जाता है
कभी कभी किसी व्यक्ति(( इंसान))से इतना लगाव हो जाता है
Rituraj shivem verma
" बोलती आँखें सदा "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
*****खुद का परिचय *****
*****खुद का परिचय *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
रागी के दोहे
रागी के दोहे
राधेश्याम "रागी"
जिंदगी तो पहले से बिखरी हुई थी
जिंदगी तो पहले से बिखरी हुई थी
Befikr Lafz
मानसिक तनाव
मानसिक तनाव
Sunil Maheshwari
3394⚘ *पूर्णिका* ⚘
3394⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
जीवन के लक्ष्य,
जीवन के लक्ष्य,
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
दिल चेहरा आईना
दिल चेहरा आईना
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
🙅शाश्वत सत्य🙅
🙅शाश्वत सत्य🙅
*प्रणय*
Loading...