रैना बीते न बेकार में,
रैना बीते न बेकार में,
कहीं इधर उधर के बातों में।
नींद ना आए जाएं तेरे नैनों में,
ना कुछ तुम कहो,
ना हम कुछ कहेंगे,
बस आंखे पढ़ लेना तुम मेरी,
सारी बात एक साथ हो जाएं।
कुछ तुम समझ लेना,
कुछ हम बता देंगे,
अपने दिल तु मुझसे कहना,
तेरे दिल कि धडकन हम सुन लेंगे।
वैसे तेरे गलियों में हम ,
बेकार नहीं आते।
कुछ चुरा लिया है हमारा,
बस उसे ही ढुंढते रहते,
तेरे पलकों में……..