रेहड़ी
रोज सुबह होते ही
निकल पड़ता हूँ
मैं अपने घोंसले से बाहर
स्वयं के और
परिवार के उदर पुष्टि के
इंतजाम में
हाथ में रेहड़ी थामे
चल पड़ता हूँ
दस किलोमीटर दूर
बड़े बाज़ार की ओर
कुछ आस लिए
कुछ सपने सजाये
छोटी बच्ची
जिद कर रही थी
एक नई फ्रॉक के लिए
शायद आज उसकी ख्वाहिश
पूरी कर सकूं
बेटे को रेहड़ी वाला
नहीं बनाना है
वह स्कूल जाता है
उसकी किताबें , यूनिफार्म
और
एक साइकिल का इंतजाम
मेरे ये सपने
मुझे प्रेरित करते हैं
प्रत्येक अगली सुबह
उत्साहित हो बढ़ चलता हूँ
अपनी जीवन संगिनी
रेहड़ी के साथ
मेरे सपनों का आधार
मेरे आशियाँ के
सपनों की जीवन साथी
मेरे सपनों का आधार
धुप हो या बारिश
ठण्ड हो या सर्द
हर एक परिस्थिति में
मेरा और
मेरे परिवार का
साथ निभाने वाली
एकमात्र रेहड़ी
कभी किसी पेड़ की छाँव में
कभी उदास गर्म दिन में
या हो
सर्द धुंध के बीच
मेरा साथ निभाती
मेरी रेहड़ी मेरे बच्चों के
चेहरे पर
मुस्कार बिखेरती
मेरी जीवनसंगिनी के श्रृगार का
आधार होती
दो वक़्त की भूख से
निजात दिलाती
छोटे – छोटे सपनों का
विस्तार होती मेरी रेहड़ी
जब कभी बीमार हो जाता हूँ
मेरी रेहड़ी भी
गुमसुम सी
एक ओर अकेलेपन के
एहसास में डूब जाती है
रेहड़ी केवल मेरी आय का
जरिया नहीं
बल्कि
नन्हे – नन्हे सपनों की
उड़ान है
मेरी रेहड़ी केवल
रेहड़ी नहीं है ……………………….