” रेशम जाल ” !!
गीत
हँसी तुम्हारी ,
रेशम जाल !!
मूक निमंत्रण ,
अधर धरे !
किये ईशारे ,
समझ परे !
बहकी बहकी ,
दिखती चाल !!
पेंच भरे हैं ,
किये कथन !
काम न आये ,
सभी जतन !
नैन करे हैं ,
खड़े सवाल !!
समझ न पाए ,
चाह कभी !
उलझी उलझी ,
राह लगी !
समय चले है ,
बंकिम चाल !!
वादे कोरे ,
मिली थकन !
हाथ रहा क्या ,
रिक्त सपन !
खुशी छलावा ,
दे नव ताल !!
स्वरचित / रचियता :
बृज व्यास