रेल
दोहा
रेल
नाम लोहपथ गामिनी, भक्षे कोयला खान ।
आधुनिक नाम रेल है, करती धूम्रपान।।
जीवन जीना आज का, अनल -नीर का खेल ।
सूनी पटरी रेल की, सूना साजन मेल।।
सज -धज होकर मैं चली, करने प्रीतम मेल।
उमंगे हृदय ले चली, छूट गई तब रेल।।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर (हि० प्र०)