रेलगाड़ी
रेलगाड़ी के सफ़र जैसा ही होता है जिंदगी का सफ़र ,
सब कुछ ठीक हो तो लगता है बड़ा सुहाना .
उसी तरह हमारे शरीर रूपी रेलगाड़ी सही हो ,
अच्छे खान-पान से मिले तंदरुस्ती का खजाना .
मगर जब कभी हो तीनो दुर्घटना ग्रस्त ,
तो पल में बिखर जाये ,बर्बाद हो जाये हमारा शरीर औ जीवन ,
और जीवन के साथ परिवार ,घर-संसार उजड़ जाये ,
और छलक जाये आँखों से आंसू बनकर गम का पैमाना.
अनु