रेलगाड़ी- ट्रेनगाड़ी
रेलगाड़ी- ट्रेनगाड़ी,
अद्भुत है इंजन गाड़ी,
डिब्बे चलते हैं पीछे-पीछे,
ढोती है खूब सवारी,
छुक-छुक करके चलती है,
दो पटरियों में दौड़ती है,
स्टेशन में ही रुकती है,
सिग्नल होने पर पटरियाँ बदलती हैं,
कूंँ- कूंँ-कूंँ तेज आवाज लगाती है,
बच्चे बूढ़े यात्री सवारी करते हैं सब,
बच्चों तुम भी खेलो खेल अब,
एक के पीछे एक खड़े हो रेल बना लो,
कोई एक इंजन बन जाओ,
सब बच्चों को मार्ग दिखाओ,
सिटी बजाकर रेल चलाओ ,
होती है मस्ती की सवारी ।
**बुद्ध प्रकाश
मौदहा हमीरपुर ।