रूस यूक्रेन युद्ध (दोहा)
दोहा
भला नहीं होता युद्ध से ,सब कुछ करता नाश ।
करे यही सब कामना , रुक जाये यह काश ।।
रूस और यूक्रेन में छिड़ी भयानक जंग ।
मार रहे सैनिक मरे ,मानुष बने पतंग ।।
दिग्दिगंत स्वर गूँजते, जमकर हुआ विरोध ।
अब तक अगणित मर गए ,रूस करो कुछ शोध ।।
विचलित जन-मन युद्ध से ,जान-माल की हानि ।
रूस तना यूक्रेन पर ,करे नहीं अब ग्लानि ।।
घोर युध्द को देख कर ,अनहोनी संकेत ।
विश्व युद्ध क्या तीसरा, होगा रहें सचेत ।।
हुआ विश्व में युध्द जो ,होगा सब कुछ नष्ट ।
साल हजारों बाद भी ,मिट न सकेगा कष्ट ।।
युध्द करे जो देश वह , माथे धरे कलंक ।
डरे देश दुनिया सदा ,फैला मन आतंक ।।
देश-देश में युद्ध से ,सिर्फ अहम की पूर्ति ।
रूस युध्द यूक्रेन में , अन्य सभी प्रतिमूर्ति।।
डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’शोहरत
मौलिक स्वरचित सृजन
4/3/2022
वाराणसी