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21 Dec 2023 · 1 min read

रूपमाला

रूपमाला

फूस की है नींव जिस पर, मोम की दीवार।
आँसुओं के साथ अरमां, कर रहे चीत्कार।
और क्या-क्या देखना है, हे जगत-कर्तार !
देख कितना दर्द हमको, दे रहा संसार।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद

3 Likes · 3 Comments · 207 Views
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