रूपमाला (मदन ) छंद विधान सउदाहरण
विधा:- रूपमाला छंद (मदन छन्द)
संरचना-212 2 2122 2122 21
एक चंदा आसमाँ में , फैल जाता दूर |
एक पंछी भी सुनाता , बोल मीठे नूर ||
एक माला फूल से भी , दूर होती खार |
कामयाबी एक से ही , लक्ष्य जोड़े चार ||
कामयाबी आपकी है, आपका आधार |
नेह का भी दूर फैले , जानिए व्यापार ||
फैलती है आपकी जो , कर्म वाली बेल |
देखते है लोग पूरा , आपका ही खेल ||
चाह के आगाज को भी , जो बनाते खेल |
बूँद पानी की मिटा दे , आपका ही मेल ||
प्यार की तासीर में भी , देखिए आवाज |
टूट जाती बंदिशें भी , खोलते है राज ||
सुभाष सिंघई
एम•ए• हिंदी साहित्य , दर्शन शास्त्र
जतारा (टीकमगढ़) म०प्र०