Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2024 · 1 min read

रूठ मत जाना

गीतिका
~~
रूठ मत जाना बहुत है आपसे जब प्यार।
स्नेह का अनुबंध हमको पूर्ण है स्वीकार।

हर तरफ जब खूबसूरत खिल रहे हैं फूल।
खूब महकी जा रही हैं घाटियां उस पार।

स्नेह की मधुरिम हमें जब बात आती याद।
देखिए तो हो रहे झंकृत हृदय के तार।

स्नेह की अनुभूतियों में जब गये हम डूब।
प्यार में स्वीकार कर लें जीत हो या हार।

साथ हैं गुजरे हमारे क्षण बहुत अनमोल।
आपके ही साथ है जाना हमें उस पार।
~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, २६/०५/२०२४

1 Like · 96 Views
Books from surenderpal vaidya
View all

You may also like these posts

मैं खाना खाकर तुमसे चैट करूँगा ।
मैं खाना खाकर तुमसे चैट करूँगा ।
Dr. Man Mohan Krishna
उसके गालों का तिल करता बड़ा कमाल -
उसके गालों का तिल करता बड़ा कमाल -
bharat gehlot
सही कदम
सही कदम
Shashi Mahajan
एक हृदय की संवेदना
एक हृदय की संवेदना
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
तुमने छोड़ा है हमें अपने इश्क और जिस्म का नशा कराकर।
तुमने छोड़ा है हमें अपने इश्क और जिस्म का नशा कराकर।
Rj Anand Prajapati
4731.*पूर्णिका*
4731.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मिथकीय/काल्पनिक/गप कथाओं में अक्सर तर्क की रक्षा नहीं हो पात
मिथकीय/काल्पनिक/गप कथाओं में अक्सर तर्क की रक्षा नहीं हो पात
Dr MusafiR BaithA
इस दर्द को यदि भूला दिया, तो शब्द कहाँ से लाऊँगी।
इस दर्द को यदि भूला दिया, तो शब्द कहाँ से लाऊँगी।
Manisha Manjari
गीत- निभाएँ साथ इतना बस...
गीत- निभाएँ साथ इतना बस...
आर.एस. 'प्रीतम'
कुछ रिश्ते भी रविवार की तरह होते हैं।
कुछ रिश्ते भी रविवार की तरह होते हैं।
Manoj Mahato
तप्त हृदय को , सरस स्नेह से ,
तप्त हृदय को , सरस स्नेह से ,
Kanchan Gupta
ठोकर बहुत मिली जिंदगी में हमें
ठोकर बहुत मिली जिंदगी में हमें
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
"शौर्य"
Lohit Tamta
घड़ी चल रही टिक टिक टिक।
घड़ी चल रही टिक टिक टिक।
Anil Kumar Mishra
माँ
माँ
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
I never force anyone to choose me. If you think you can find
I never force anyone to choose me. If you think you can find
पूर्वार्थ
तितली
तितली
Indu Nandal
फासलों से
फासलों से
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी मैं हूं, मुझ पर यकीं मत करो
जिंदगी मैं हूं, मुझ पर यकीं मत करो
Shiva Awasthi
फर्श पर हम चलते हैं
फर्श पर हम चलते हैं
Neeraj Agarwal
चल‌ मनवा चलें....!!!
चल‌ मनवा चलें....!!!
Kanchan Khanna
चारों तरफ मीडिया की फौज, बेकाबू तमाशबीनों की भीड़ और हो-हल्ले
चारों तरफ मीडिया की फौज, बेकाबू तमाशबीनों की भीड़ और हो-हल्ले
*प्रणय*
ललकार ने ललकार मारकर,
ललकार ने ललकार मारकर,
श्याम सांवरा
अनुशासित रहे, खुद पर नियंत्रण रखें ।
अनुशासित रहे, खुद पर नियंत्रण रखें ।
Shubham Pandey (S P)
बाल कविता: चिड़िया आयी
बाल कविता: चिड़िया आयी
Rajesh Kumar Arjun
ज़िंदा रहे यह देश
ज़िंदा रहे यह देश
Shekhar Chandra Mitra
48...Ramal musamman saalim ::
48...Ramal musamman saalim ::
sushil yadav
जगमग जगमग दीप जलें, तेरे इन दो नैनों में....!
जगमग जगमग दीप जलें, तेरे इन दो नैनों में....!
singh kunwar sarvendra vikram
प्यारी माँ
प्यारी माँ
Rajesh Tiwari
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
shabina. Naaz
Loading...