रूठ जा….. ये हक है तेरा
रूठ जा….. ये हक है तेरा
मगर……….मान जाया कर
गुस्से में तूँ बहुत खूब लगता है
भीड़ में मत तिलमिलाया कर
-सिद्धार्थ गोरखपुरी
रूठ जा….. ये हक है तेरा
मगर……….मान जाया कर
गुस्से में तूँ बहुत खूब लगता है
भीड़ में मत तिलमिलाया कर
-सिद्धार्थ गोरखपुरी