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9 Jan 2021 · 1 min read

रूठ गये सरगम

रूठ गये सरगम छिन गये स्वर ,
राग जिन्दगी के हो गये बेसुर
वर्ष बीस तू ही बता जरा
कैसा यह हूआ है असर

आया आँगन मेरे कैसी मैं चहकी थी
घर की हर बीथी बगियाँ महकी थी
पर मान मेरे जनून का तूने रखा नहीं
मानवता का कोई भला किया नहीं
आने की तेरी हुई न खबर

वर्ष बीस तू ही बता जरा
कैसा हुआ है यह असर

चक्रवात अम्फान निसर्ग दिये तूने
कोरोना देकर कितने जीवन छीने
इंसान इंसान का हो गया दुश्मन
कितने लोगों ने किया प्राण अर्पण
जिन्दगी पड़ गई कब भंवर

वर्ष बीस तू ही बता जरा
कैसा हुआ है यह असर

वर्ष बीस सूनो अब तुम जाते जाते
रोनी सूरत मत दिखाना जाते जाते
इक्कीस का पांव हो अच्छा यह दुआ
फले फूले हर शख्स करती हूँ दुआ
ले आ भर खुशियाँ अम्बर

वर्ष बीस तू ही बता जरा
कैसा हुआ है यह असर

Language: Hindi
75 Likes · 2 Comments · 305 Views
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