रूठ गई हैं बरखा रानी
रूठ गई हैं बरखा रानी
तभी नहीं बरसाती पानी
आओ मिलकर उन्हें मनायें
कोई मीठा गीत सुनायें
बादल को भी आँख दिखायें
थोड़ा सा गुस्सा दिलवायें
जब गरजेंगे गड़ गड़ गड़ गड़
तब बरसेंगे तड़ तड़ तड़ तड़
नाचेंगी जब बूँदें छम छम
भीगेंगे उनके सँग में हम
झूमेगी हर डाली डाली
छा जाएगी फिर हरियाली
26-06-2022
डॉ अर्चना गुप्ता