रूठे रूठे से हैं वो लगे
* रूठे – रूठे से हैं वो लगे *
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रूठे – रूठे से हैं वो लगे,
फीके-फीके से हैं वो लगे।
नजरों से नजरें मिली नहीं,
तीखे – तीखे से हैं वो लगे।
बातों मे सच्चाई कहीं नहीं,
झूठे – झूठे से हैं वो लगे।
आँखे आँसू से भीगी हुई,
भीगे – भीगे से हैं वो लगे।
खुद ही खुद में खोये हुए,
खोये-खोये से हैं वो लगे।
मनसीरत सूरत भी थकी,
सोये – सोये से हैं वो लगे।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)