रुत है प्यार दी
** रुत प्यार दी **
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रुत है ए प्यार दी
यार दे दीदार दी
आजा पींग पाइए
जिन्द है पुकार दी
अंब उते बूर आया
चित मेरा घबराया
नशा प्रेम दा छाया
रूत है फुहार दी
मोरनी पैंला पावे
तेरी याद सतावे
खुमारी चढ़ जावे
रुत है बहार दी
सौण महीना आया
काला बदल छाया
प्रेमबूँद वी बरसण
सीने सटां मार दी
माही परदेश गया
जिंवे दरवेश होया
कदो प्रवेश होएगा
रुत है इंतजार दी
अखां नूँ उड़ीक है
दिल विच टीस है
साडी गूढ़ी प्रीत है
पीड़ है ए प्यार दी
मन वी है भरमाया
तू मेरा हमसाया
जिन्द मरजाणी नूँ
कद्र तेरे प्यार दी
सुखविंद्र नूँ आस है
प्यार दी ए प्यास है
दिल मेरा उदास है
लोड़ बड़े दुलार दी
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)