#गीत//रुत आए मन को भा जाए
गर साथ निभाना आ जाए ,
गर प्यार दिलों में छा जाए।
स्वर्ग जमीं पर ही होगा तब ,
रुत आए मन को भा जाए।।
जब मन मंदिर बन जाता है ,
तब तन निर्मल हो जाता है।
हर कोई अपना लगता है ,
मानव मोहब्बत रचता है।
जब दिल से निकलें भाव कहीं ,
तब हर बात मज़ा दे जाए।
स्वर्ग जमीं पर ही होगा तब ,
रुत आए मन को भा जाए।।
जब व्यवहार ख़रा होता है ,
तब क़िरदार ख़रा होता है।
जब धोखा मन में आता है ,
तब मन बंजर हो जाता है।
हाथ मिले हर बात मिले गर ,
संकट आए हल हो जाए।
स्वर्ग जमीं पर होगा तब ,
रुत आए मन को भा जाए।।
आशाओं की मन भौर रहे ,
रिश्तों की बंधी डोर रहे।
अपना फ़र्ज़ निभाएँ सारे ,
जैसे सूरज चाँद सितारे।
दीप प्रेम का जलता जाए ,
चारों ओर उजाला छाए।
स्वर्ग जमीं पर होगा तब ,
रुत आए मन को भा जाए।।
गर साथ निभाना आ जाए ,
गर प्यार दिलों में छा जाए।
स्वर्ग ज़मीं पर होगा तब ,
रुत आए मन को भा जाए।।
#आर.एस.प्रीतम